मानसून से पहले ऐसी है MCD की तैयारी, जलभराव से निपटने की चुनौती

 

मानसून से पहले दिल्ली ने नालों की सफाई एक बड़ा मुद्दा होता है. हर साल बारिश में दिल्ली की सड़कें दरिया बन जाती हैं और फिर शुरू होता है एक-दूसरे पर आरोप लगाने का सिलसिला. लेकिन क्या इस साल भी दिल्ली पानी मे डूबेगी या फिर पिछले सालों से सबक लेते हुए कुछ उपाय किये जायेंगे. पिछले दो सालों में तीनों निगमों में से पूर्वी दिल्ली नगर निगम सबसे ज्यादा चर्चा में रहा है. कभी फंड की मारामारी तो कभी सफाई कर्मचारियों की हड़ताल, ऐसे में हमने पूर्वी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों का दौरा किया और जानने की कोशिश की, आखिर नालों की सफाई हो भी रही है या नहीं.

सबसे पहले हम खुदी राम बोस मार्ग पहुंचे. यहां रोड के साथ बने नाले में इलाके की कॉलोनियों का पानी छोटे नालों के ज़रिए आता है लेकिन यहां नाले के ऊपर अतिक्रमण के कारण ठीक तरह से गाद नहीं निकल सकी है जो बारिश में मुसीबत की वजह बन सकती है. इसके अलावा जो गाद निकली भी है उसे सड़क पर ही छोड़ दिया गया है जो बारिश में वापस बहकर नाले में ही चली जायेगी.

बस अड्डे आनंद विहार के पास पीडब्लूडी के नालों के गाद को निकाल लिया गया था और नाले का पानी तेज़ी से बह रहा था जिसका मतलब साफ था कि नाले में ना तो आगे और ना ही पीछे कहीं रुकावट थी, ये नाला आगे जाकर सिंचाई और बाढ़ विभाग के नाले में गिरता है.

डिप्टी मेयर ने लिया जायजा
पांडव नगर पी ब्लॉक में एमसीडी के नाले की सफाई का काम जारी है. पूर्वी दिल्ली के डिप्टी मेयर बिपिन बिहारी सिंह खुद एमसीडी अधिकारियों के साथ नाले कि सफाई के काम का निरीक्षण कर रहे थे. उनसे पूछने पर बताया कि सुबह 7 बजे से नालों की डिसिल्टिंग का स्टेटस जानने निकले हुए हैं. करीब 9 नालों की सफाई का काम बिपिन बिहारी सिंह देख चुके थे. उन्होंने बताया कि इस बार पीडब्लूडी अधिकारी नालों की सफाई में एमसीडी का हाथ बंटा रहे हैं. दोनों विभागों में तालमेल पहले से बेहतर है और इस बार बारिश में जलभराव की समस्या से ज्यादा बेहतर तरीके से निपटा जाएगा.

कहां कितनी हुई सफाई
एमसीडी से मिले आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली के तीनों निगम डिसिल्टिंग का काम लगभग पूरा करने वाले हैं. पूर्वी दिल्ली में कुल 221 नाले आते हैं जिनमें से अबतक 50,154 मीट्रिक टन गाद निकाली जा चुकी है. निगम के मुताबिक अबतक गाद निकालने का काम 93% पूरा हो गया है. उत्तरी दिल्ली में कुल 190 नाले आते हैं जिनमें से अबतक 8265 मीट्रिक टन गाद निकाली जा चुकी है. निगम के मुताबिक अबतक गाद निकालन का काम 89% पूरा हो गया है. साउथ दिल्ली में कुल 258 नाले आते हैं जिनमे से अबतक 26000 मीट्रिक टन गाद निकाली जा चुकी है. निगम के मुताबिक अबतक गाद निकालने का काम 90% पूरा हो गया है.

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