मैक्सफोर्ट स्कूल की दो ब्रांचों को टेक ओवर करने के लिए दिल्ली सरकार ने किया शो कॉज़ नोटिस जारी

नई दिल्ली-मैक्सफोर्ट स्कूल की बढ़ती मनमानी के खिलाफ पैरंट्स द्वारा की गई शिकायतों के मध्य नज़र दिल्ली सरकार ने सोमबार को मैक्सफोर्ट स्कूल की दो ब्रांचों को टेक ओवर करने के लिए शो कॉज़ नोटिस जारी कर दिया। मैक्सफोर्ट पीतमपुरा और रोहिणी ब्रांच को टेक ओवर करने की तैयारी की जा रही है। इन दोनों ब्रांचों को 15 दिन के भीतर जबाब देना होगा।

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इन दोनों ब्रांचों के खिलाफ मिली शिकायतो के बाद 2 दिसंबर 2015 को नार्थ डिस्ट्रिक के डिस्ट्रिक मेजिस्टर को जाँच के आदेश दिए। इस मामले पर एजुकेशन डिपार्टमेंट ने भी जाँच कमिटी बनाई थी। जाँच की रिपोर्ट आने के बाद सरकार ने मैक्सफोर्ट स्कूल की दोनों ब्रांचों को टेक ओवर करने के लिए शो कॉज़ नोटिस जारी किया है। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट कर बताया स्कूल की स्कूल की दोनों ब्रांचों में ईडब्ल्यूएस/डीजी एडमिशन के तहत धांधली,वित्तीय अनियमितता और टीचर्स के फ़र्ज़ी रिकॉर्ड रखने के मामले सामने आये है। प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए सरकार द्वारा यह कड़ा फैसला लिया गया है।

मैक्सफोर्ट स्कूल की जाँच रिपोर्ट में सामने आई बाते

दोनों ब्रांच 2014-15 से पहले किये गए ईडब्ल्यूएस/डीजी एडमिशन के रिकॉर्ड नहीं दे पाई।
दोनों ब्रांचों में आरटीआई के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ
मैक्सफोर्ट,रोहिणी ने 2014-15 और 2015-16 में और मैक्सफोर्ट पीतमपुरा ने 2015-16 में ईडब्ल्यूएस/डिजी कैटिगिरी की सीटों पर 25 फीसदी से काफी कम एडमिशन दिया।
मैक्सफोर्ट रोहिणी ने 2015-16 में जनरल कैटेगरी के तहत किये गए वास्तविक दाखिलों की गलत जानकारी शिक्षा निदेशालय को दी।
2015-16 में दोनों ब्रांचों ने जनरल कैटेगरी की सीटों में इज़ाफ़ा किया लेकिन उसके अनुपात में ईडब्ल्यूएस केटेगरी की सीटों पर एडमिशन नहीं दिया।
स्कूल की दोनों ब्रांचों ने टीचर्स की पर्सनल फाइल्स और सर्विस बुक्स मेंटेन नहीं की।
दोनों ब्रांचों ने कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स रखने की निर्धारित संख्या का पालन नहीं किया।
दोनों ब्रांच ने अपने स्टाफ की सैलरी स्टेटमेंट,अटेंडेंस रजिस्टर और अन्य जरुरी डाक्यूमेंट्स उपलब्ध नहीं कराये।
स्कूल ने पैरेंट्स से केपिटैशन फ़ीस भी ली जो की दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट का उल्लंघन है।
मैक्सफोर्ट स्कूल अपने स्कूल के फण्ड का रिकॉर्ड भी नहीं दे पाया।

उपरोक्त मामलो के साथ ही डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट ने जाँच रिपोर्ट में बताया की स्कूल को बार-बार मौके दिए जाने के वावजूद स्कूल कैपिटेशन फीस वसूलने के आरोपों पर कोई जबाब नहीं दे पाया है। जाँच रिपोर्ट में सामने आये मामलो के बाद सरकार ने स्कूल की दोनों ब्रांचों को टेक ओवर करने का फैसला लिया।
मैक्सफोर्ट स्कूल की मनमानी के खिलाफ तीन सालो से लड़ रहे पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अग्गरवाल जी ने बताया की सरकार द्वारा लिए गए फैसले से पैरेंट्स को काफी राहत मिली है। मैक्सफोर्ट स्कूल द्वारा पैरेंट्स को परेशान करने के वावजूद पेरेंट्स ने अपनी लड़ाई जारी रखी। और आज हमें बड़ी कामयाबी मिली है। स्कूल बेबजह फीस में बढ़ोतरी करता था और एक्टिविटीज़ के लिए अलग से पैसों की मांग भी करता था उसके एवज़ में कोई भी ख़ास एक्टिविटीज़ नहीं कराई जाती थी।

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