प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कार्रवाई बनी मजाक, 4 साल में सिर्फ 295 वाहन जब्त

 

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की आबोहवा लगातार खराब होती जा रही है, लेकिन प्रशासन और पुलिस को इसकी कोई परवाह नहीं है. दिल्ली में वायु प्रदूषण कम करने के लिए पुलिस कितनी संजीदा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले चार साल में प्रदूषण फैलाने वाली सिर्फ 295 गाड़ियों को ही जब्त किया गया है.

पर्यावरण को लेकर दिल्ली पुलिस का यह हाल तब है, जब चार साल पहले एनजीटी ने इस संबंध में कार्रवाई करने का आदेश दिया था. दिल्ली में पूरी ट्रैफिक पुलिस को कुल 53 सर्कल और 5 रेंज में बांटा गया है. आरटीआई के तहत मिली जानकारी में यह बात सामने आई है कि ट्रैफिक पुलिस के ईस्टर्न रेंज में इस साल जुलाई तक 196 पेट्रोल गाड़ियां जब्त की गईं. आउटर रेंज में 37 गाड़ियां और न्यू दिल्ली रेंज में 2 गाड़ियां जब्त की गईं.

अगर दिल्ली सरकार के एनफोर्समेंट विभाग द्वारा जब्त की गई गाड़ियों के 60 के आंकड़े को मिला दिया जाए, बीते चार साल में 10 से 15 साल पुरानी पेट्रोल-डीजल की गाड़ियों के जब्त होने का आंकड़ा सिर्फ 295 तक जाता है. जबकि दिल्ली परिवहन विभाग का दावा है कि एनफोर्समेंट विभाग की करीब 50 टीमें सड़कों पर उतर चुकी हैं. हर टीम में 5 अफसर शामिल हैं.

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल के वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इसके लिए पॉलिसी तो बन गई है, लेकिन जमीन पर उतारने के लिए स्टाफ की कमी है. ट्रैफिक एक्सपर्ट अनुराग कुलश्रेष्ठ का कहना है कि प्रदूषण फैलाने वाली ऐसी गाड़ियों को दिल्ली की सड़कों पर चलाने की सख्त मनाही है.

राष्ट्रीय राजधानी की पुलिस 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को जब्त करके उनका चालान करती है और फिर कोर्ट को सूचित करती है. अब दिल्ली के पुलिस थानों में इऩ जब्त वाहनों के रखने की जगह नहीं बची है. पहले से ही पुरानी गाड़ियों का अंबार लगा हुआ है.

ज्वाइंट सीपी ट्रैफिक आलोक कुमार का कहना है कि चेकिंग के समय आरसी चेक करने के दौरान अगर पाया जाता है कि डीजल वाहन 10 पुराना और पेट्रोल वाहन 15 साल पुराना है, तो उसको जब्त करके चालान कोर्ट में भेज दिया जाता है. इसके बाद कोर्ट कारवाई करती है.

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