देश में शुरू हो रहे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से मनोरंजन सेवाओं पर बोझ नहीं बढ़ेगा क्योंकि कई राज्यों में केबल टीवी और डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच) पर मनोरंजन कर की दर 10 से 30 प्रतिशत तक है और उस पर 15 प्रतिशत सेवा कर भी लगता है जबकि इसके लिए जीएसटी दर 18 प्रतिशत है।
जीएसटी परिषद द्वारा सर्कस, थियेटर, लोक नृत्य और नाटक सहित भारतीय शास्त्रीय नृत्य देखने के लिए 18 प्रतिशत कर लगाने को मंजूरी दी गयी है। परिषद ने 250 रुपये प्रति व्यक्ति तक के टिकट पर कर में छूट देने को अनुमोदित किया है। इन सेवाओं पर वर्तमान में राज्यों द्वारा मनोरंजन कर वसूला जाता है। पंचायत या नगरपालिका द्वारा लगाए गए मनोरंजन करों को छोड़कर जीएसटी में मनोरंजन पर लगने वाले विभिन्न करों को सम्मिलित किया गया है।
सिनेमा घरों में मनोरंजन करने या फिल्मों के छायांकन देखने के लिए सेवाओं पर जीएसटी परिषद द्वारा अनुमोदित दर 28 प्रतिशत है। हालांकि वर्तमान में कुछ राज्यों द्वारा लगाए गए थियेटर/सिनेमा हॉल में सिनेमाटोग्राफ़ी फिल्मों के प्रदर्शन के संबंध में मनोरंजन कर की दर शत प्रतिशत तक है। इनपुट और इनपुट सेवाओं से जुड़े भुगतान किए गए जीएसटी का पूर्ण इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के लिए सेवा प्रदाता पात्र होंगे।
इस प्रकार जीएसटी के तहत मनोरंजन सेवाओं पर कम कर लगेगा। जीएसटी की कम दरों का लाभ लेने के अतिरिक्त सेवा प्रदाता इनपुट और इनपुट सेवाओं से जुड़े जीएसटी के पूर्ण इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के पात्र होंगे। वर्तमान में ऐसे सेवा प्रदाता घरेलू पूंजीगत वस्तुओं पर भुगतान किए गए वैट और आयातित पूंजीगत सामान तथा इनपुट पर इनपुट या विशेष अतिरिक्त शुल्क (एसएडी) के संबंध में इनपुट क्रेडिट का लाभ लेने के पात्र नहीं हैं।